जय जय जय श्री श्याम भजले सुबह शाम

जय जय जय श्री श्याम भजले सुबह शाम
जय जय जय श्री श्याम,
भजले सुबह शाम,
ढाई अक्षर से बन जाए,
सारे बिगड़े काम।।
श से मेरे श्याम धनी,
ऐसे दातारी घने,
य से युग युग से ही,
उनकी सरकार चले,
आ से आस पुराकर सबकी,
म से रखता मान,
ढाई अक्षर से बन जाए,
सारे बिगड़े काम,
जयजय जय श्री श्याम,
भजले सुबह शाम।।
श्याम की चाहत में,
डूब जो जायेगा,
लब पे हरदम उसके,
श्याम ही आयेगा,
ऐसी किरपा बरसेगी फिर,
होंगे सारे काम,
ढाई अक्षर से बन जाए,
सारे बिगड़े काम,
जयजय जय श्री श्याम,
भजले सुबह शाम।।
श्याम के चरणों में,
बैठ के देख जरा,
कितना ही हारा हो,
होगा विश्वास भरा,
‘नेहा’ निज पहचान बनाने,
आयेंगे घनश्याम,
‘प्रतीक’ निज पहचान बनाने,
आयेंगे घनश्याम,
ढाई अक्षर से बन जाए,
सारे बिगड़े काम,
जयजय जय श्री श्याम,
भजले सुबह शाम।।
जय जय जय श्री श्याम,
भजले सुबह शाम,
ढाई अक्षर से बन जाए,
सारे बिगड़े काम।।