बैठ मेरे बाण पे रे | बजरंग देउं तुरन्त पुचाय - भजन लिरिक्स

बैठ मेरे बाण पे रे, बजरंग देउं तुरन्त पुचाय - भजन लिरिक्स
( तर्ज - समझ मन मायला रे, बीरा मेरा मायली चादर धोए )
बैठ मेरे बाण पे रे, बजरंग देउं तुरन्त पुचाय,
बिण सोच्या अणजान म्, रे दीन्हो बाण चलाय।
1. तू बड़भागी मोकलो रे, बजरंग सरजीवन ले जाय,
में निरभागी हूं इस्यो रे बिरा, म्हाने दियो रे राज सम्भलाय।
2. म्हासे तो पत्थर भला रे बीरा, ज्याने जल पे दिया तिराय,
भाई हूं पण भरत न, बजरंग दियो राम छिटकाय।
3. लिछमण म्हारो धन्य है रे बिरा, ज्याकि धन्य सुमित्रा माय,
म्हारी किस्मत के केवा रे, हनुमत सरवस दियो रुळाय।
4. सूरज के म्हे वंश का बिरा, बो तो उगसी चेत कराय,
थां पुग्या बिन ना उगे रे बजरंग मना "नवल" घबराय।