टाइटैनिक को उस समय की सबसे सुरक्षित जहाज माना गया था। इसे "Unsinkable Ship" कहा गया था, लेकिन इसके पहले ही सफर में यह डूब गया।

टाइटैनिक ने 10 अप्रैल 1912 को इंग्लैंड के साउथहैम्प्टन से न्यूयॉर्क के लिए अपनी पहली यात्रा शुरू की और 14 अप्रैल की रात को बर्फीले हिमखंड से टकरा कर डूब गया।

टाइटैनिक पर लगभग 2224 यात्री और कर्मचारी सवार थे। इनमें से लगभग 1500 लोग हादसे में मारे गए।

इतने बड़े जहाज पर सिर्फ 20 लाइफबोट थीं, जो केवल 1,178 लोगों को बचा सकती थीं, जबकि जहाज की क्षमता 3,000 से अधिक थी।

टाइटैनिक का निर्माण 1909 में शुरू हुआ और 1912 में पूरा हुआ। यह उस समय का सबसे बड़ा और शानदार जहाज था।

पहले श्रेणी (First Class) के यात्रियों के लिए स्विमिंग पूल, जिम, शानदार भोजनालय और आलीशान कमरे थे – यह किसी महल जैसा था।

टाइटैनिक के डूबने के 73 साल बाद, 1985 में इसका मलबा अटलांटिक महासागर की गहराइयों में खोजा गया।